Sikandar है या Blunder? क्यों यह फिल्म सलमान खान के फैंस को निराश कर सकती है
March 31, 2025 | by ravipawar86@gmail.com

Sikandar फिल्म से सलमान खान के फैंस को निराश कर सकती है , फिल्म से सलमान खान के फैंस द्वारा बहुत उम्मीदों के साथ देखा गया था, लेकिन फिल्म ने अपेक्षित प्रभाव नहीं छोड़ा। यहाँ हम फिल्म के विभिन्न पहलुओं पर एक नकारात्मक समीक्षा प्रदान कर रहे हैं, जो इसकी कमजोरियों को उजागर करती है।

Sikandar : कहानी और स्क्रिप्ट
- सामान्य और पुरानी कहानी
- फिल्म की कहानी बहुत ही सामान्य और पुराने तर्कों पर आधारित है। एक्शन और रोमांस की भरमार में, कहानी ने कुछ नया पेश नहीं किया।
- फिल्म की कहानी में कोई बड़ा ट्विस्ट या नया आयाम नहीं है, जो दर्शकों को बांध सके।
- फिल्म के संवाद और प्लॉट development काफी predictable हैं, जिससे दर्शकों को आश्चर्यजनक मोड़ का अनुभव नहीं होता।
- यह कहानी good vs evil की पुराने तरीके से पेश की गई है, जो अब दर्शकों के लिए उबाऊ हो चुकी है।
निर्देशन
- ए. आर. मुरुगादोस का निर्देशन
- मुरुगादोस का निर्देशन इस फिल्म में कमजोर साबित हुआ है। एक्शन और ड्रामा के मिश्रण को सही तरीके से संतुलित नहीं किया जा सका।
- फिल्म में कुछ scene व्यवस्थित और लंबी-लंबी खींची गई हैं, जिससे दर्शक बोर हो जाते हैं।
- एक्शन और इमोशन के बीच तालमेल की कमी है। कई बार एक्शन scene के बाद भावनात्मक दृश्य सही से प्रभाव नहीं डाल पाते।
- फिल्म के कुछ हिस्से नीरस और लंबी खींची हुई लगती हैं, जिससे दर्शकों का ध्यान भटकता है।
अभिनय
- सलमान खान का प्रदर्शन
- सलमान खान का अभिनय इस बार उनके फैंस को निराश कर सकता है।
- उनका प्रदर्शन उतना प्रभावी नहीं है जितना उनकी पिछली फिल्मों में देखा गया है।
- फिल्म में सलमान का चरित्र ज्यादातर एक्शन सीन और शेर-शरीफ संवादों से भरा हुआ है
- लेकिन उनके अभिनय में गहराई की कमी महसूस होती है।
- उनके चेहरे पर एक ही प्रकार की भावनाएँ दिखती हैं, और यह फिल्म में एक-dimensional लगता है।
- एक्शन सीन में सलमान खान को देखकर लगता है कि वे अपने पुराने रूटिन से बाहर नहीं निकल पाए हैं।
- रश्मिका मंदाना का अभिनय
- रश्मिका मंदाना का अभिनय कमजोर और उबाऊ लगता है। उनका किरदार फिल्म में बस एक बैकग्राउंड चक्र के रूप में मौजूद है।
- साईश्री के रूप में रश्मिका का प्रदर्शन इमोशनल कनेक्शन बनाने में असफल रहता है।
- उनका संवाद अदायगी भी सामान्य है और फिल्म में कोई खास छाप नहीं छोड़ पाती।
- काजल अग्रवाल और अन्य सहायक कलाकारों का अभिनय
- काजल अग्रवाल का किरदार भी अप्रभावित और बिना किसी गंभीरता के है। उनका अभिनय और संवाद अदायगी बहुत साधारण है।
- अन्य सहायक कलाकार जैसे सत्यराज, शरमन जोशी, और प्रतीक बब्बर ने अपनी भूमिकाओं में कुछ विशेष नहीं किया। उनका अभिनय फिल्म की गति को आगे बढ़ाने में मदद नहीं करता।
संगीत और बैकग्राउंड स्कोर
- संगीत में कमी
- फिल्म का संगीत पूरी तरह से निराशाजनक है। प्रीतम का संगीत भी इस बार उतना प्रभावी नहीं है जितना कि उनके पिछले कामों में देखा गया था।
- फिल्म के गाने बहुत साधारण और पहले से सुने हुए लगते हैं। “सिकंदर नाचे” जैसे गाने में वह ऊर्जा नहीं है, जो एक एक्शन फिल्म से उम्मीद की जाती है।
- बैकग्राउंड स्कोर भी फिल्म के प्रभाव को बढ़ाने में असफल रहता है और कई बार फिल्म की एक्शन सीन की तीव्रता को कमजोर करता है।
- गानों में कोई भी ट्रेंडी एलिमेंट नहीं है, और वे फिल्म के मूड से मेल नहीं खाते।
एक्शन सीक्वेंस
- एक्शन में नयापन की कमी
- फिल्म के एक्शन सीन पूरी तरह से पुरानी शैली के हैं। इसमें कोई नई और रोमांचक बात नहीं है।
- एक्शन सीक्वेंस बहुत ही सामान्य और किसी अन्य सलमान खान फिल्म के जैसे ही प्रतीत होते हैं।
- फिल्म में एक्शन की कमी नहीं है, लेकिन ये बहुत ज्यादा लंबा और थका देने वाला हो जाता है।
- सलमान खान के स्टंट्स और एक्शन सीक्वेंस में कोई नवाचार नहीं है, जो दर्शकों को उत्साहित कर सके।
निर्माण और सेट डिजाइन
- निर्माण मूल्य और सेट्स
- फिल्म के निर्माण मूल्य बहुत अधिक होने के बावजूद, सेट्स और विजुअल्स में कोई खास बात नहीं है।
- फिल्म के सेट्स में भव्यता तो है, लेकिन कहीं भी कुछ विशेष नहीं है जो दर्शकों को आकर्षित करे।
- फिल्म की अधिकांश शूटिंग एक ही प्रकार के स्थानों पर की गई है, जिससे दृश्य विविधता की कमी महसूस होती है।
- इसके अलावा, सेट डिजाइन कुछ सामान्य और बिना कोई ताजगी के नजर आते हैं।
संवाद और लेखन
- संवादों में शक्ति की कमी
- सिकंदर के संवाद फिल्म के प्रभाव को बढ़ाने में नाकामयाब रहते हैं।
- फिल्म के संवाद कभी भी दर्शकों को प्रेरित या प्रभावित नहीं कर पाते, खासकर सलमान खान के संवाद।
- संवादों में कोई खास तीव्रता या गहराई नहीं है, और यह फिल्म को एकदम सपाट बना देता है।
- अधिकांश संवाद दर्शकों को सिर्फ उबाऊ और नीरस लगते हैं।
कुल मिलाकर
- सिकंदर एक सलमान खान फिल्म होने के बावजूद एक औसत फिल्म साबित हुई है।
- इसमें अपेक्षित एक्शन, रोमांस और ड्रामा है, लेकिन यह उन सभी पहलुओं में असफल रहती है जो एक उत्कृष्ट फिल्म को परिभाषित करते हैं।
- यदि आप सिर्फ सलमान खान के फैन हैं, तो यह फिल्म आपके लिए हो सकती है,
- लेकिन अन्य दर्शकों के लिए यह एक निराशाजनक अनुभव हो सकता है।
अंतिम रेटिंग: ★★☆☆☆ (2/5)
फिल्म में कुछ अच्छे एक्शन सीक्वेंस हो सकते हैं, लेकिन इसके संवाद, अभिनय, और कहानी में कोई खास बात नहीं है।
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